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दीवाली से पहले सफाई कर्मचारियों को मिला तोहफा, CM Atishi ने 607 कर्मचारियों को सौंपा स्थायी नौकरी का पत्र

दिल्ली में दिवाली से पहले CM Atishi ने बुधवार को सिविक सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम में 607 सफाई कर्मचारियों को स्थायी नौकरी का पत्र सौंपा। यह कदम उन कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण तोहफा है, जिन्होंने कई वर्षों तक अस्थायी रूप से काम किया है। इस अवसर पर CM Atishi ने कहा कि सफाई कर्मचारियों के समय पर वेतन का भुगतान करने से लेकर उन्हें स्थायी बनाने तक, आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफ दिल्ली (MCD) में आने के बाद अपने सभी वादों को पूरा किया है।

सफाई कर्मचारियों के लिए सरकार की प्रतिबद्धता

CM Atishi ने कहा कि पिछले दो वर्षों में, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर AAP सरकार ने 10,000 से अधिक सफाई कर्मचारियों को स्थायी बनाया है। इस कार्यक्रम में, उन्होंने भगवान वाल्मीकि का भी जिक्र किया, यह बताते हुए कि भगवान वाल्मीकि के हाथ में कलम उस बात का प्रतीक है कि चाहे कोई समाज में कितना भी पीछे क्यों न हो, शिक्षा के माध्यम से वह अवश्य आगे बढ़ सकता है।

Atishi ने यह भी कहा कि अगर देश में कोई सरकार उनके सपनों को पूरा कर रही है, तो वह दिल्ली में AAP सरकार है, जो गरीब बच्चों को विश्वस्तरीय शिक्षा देकर आगे बढ़ने का अवसर प्रदान कर रही है।

वाल्मीकि जयंती पर सफाई कर्मचारियों को स्थायी बनाना

इस अवसर पर मेयर शैलि ओबेरॉय ने कहा कि भगवान वाल्मीकि जयंती के मौके पर सफाई कर्मचारियों को स्थायी बनाया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में सफाई कर्मचारियों का योगदान उत्कृष्ट है।

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दीवाली से पहले सफाई कर्मचारियों को मिला तोहफा, CM Atishi ने 607 कर्मचारियों को सौंपा स्थायी नौकरी का पत्र

इस प्रकार के कदम ना केवल सफाई कर्मचारियों को स्थायी नौकरी देने के लिए हैं, बल्कि यह समाज में उनके योगदान की भी सराहना करते हैं। सफाई कर्मचारी समाज की नींव होते हैं और उनके कार्य के बिना शहर की साफ-सफाई संभव नहीं है।

BJP का विरोध और नेता की प्रतिक्रिया

दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में विपक्ष के नेता सरदार राजा इकबाल सिंह ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि 600 कर्मचारियों के नियमितीकरण का प्रस्ताव दिल्ली सरकार को तब के तीन BJP-शासित म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन द्वारा 2021-22 में भेजा गया था, लेकिन तब के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उस प्रस्ताव को वापस भेज दिया था।

राजा इकबाल ने कहा कि अगर तब के मुख्यमंत्री ने उनकी फाइल को वापस नहीं किया होता, तो ये कर्मचारी 2021 में ही नियमित हो जाते। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने CM Atishi से व्यक्तिगत रूप से बात की थी और दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में एक दलित मेयर के चुनाव की अनुमति देने का आग्रह किया था।

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सरकार के कदमों का महत्व

इस निर्णय का महत्व केवल कर्मचारियों के लिए नहीं, बल्कि समाज के लिए भी है। यह कदम दिखाता है कि सरकार सफाई कर्मचारियों की भलाई को लेकर गंभीर है और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अलावा, यह कदम समाज में सफाई कर्मचारियों की भूमिका को भी उजागर करता है।

सफाई कर्मचारियों का स्थायी होना उन्हें आर्थिक सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करता है, जिससे वे बेहतर ढंग से अपने कार्य को कर सकेंगे। इस प्रकार की नीतियां और कार्यक्रम न केवल सफाई कर्मचारियों के जीवन को सुधारते हैं, बल्कि समाज में उनके प्रति सम्मान और सराहना भी बढ़ाते हैं।

भविष्य की दिशा

इस कार्यक्रम से यह स्पष्ट है कि आम आदमी पार्टी का ध्यान समाज के सबसे कमजोर वर्गों की भलाई पर है। आने वाले समय में, यदि ऐसी नीतियों को लागू किया जाता है, तो यह समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं। इससे न केवल सफाई कर्मचारियों के जीवन स्तर में सुधार होगा, बल्कि इससे समाज में समानता और न्याय का भी अनुभव होगा।

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